सन्त जगाराम जी
आप परमहंस महात्मा शोभाराम जी के शिष्य थे और बहुत पहुंचे हुये सन्त थे। आपका जन्म पं. लक्ष्मणराम बरडवा एवं माता सिंगारी देवी जायलवाल के यहां रूघनाथपुरा ग्राम में हुआ।
आपकी धर्मपत्नी पं. कालूराम धामूं की पुत्री सजनीदेवी बहुत श्रद्धावान् धर्मपरायणा थी। आपने अपने योगबल से शरीर त्याग किया। कुटुम्ब वालों ने इनके अंतिम आदेश को न मानकर शरीर को जला दिया, फलतः परिवार का बहुत अनिष्ट हुआ।
आपकी माता के आग्रह पर आपकी भस्मी लाकर बेरे पर समाधि दी गई, उसी समय परिवार को सुख शान्ति प्राप्त हो सकी।