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सन्त श्री गमडीराम

आपका जन्म मारवाड़ रियासत के खाड़वाली वासणी ग्राम में श्री शिवराम जांगिड कड़वाण्या व श्रीमती धनीबाई के यहां सन् 1910 में हुआ।
आप बाल ब्रह्मचारी थे। आप कबीरपंथी सन्त भोलाराम को जो ग्राम रातकुडिया भाखर तीखी डूँगरी भूरिया बाबा की धूणी के पास प्रसिद्ध देवरी में रहते थे, गुरू बनाकर उनकी सेवा करने लगे।
आप अपने निर्मल तपःपूत वचनों से सबके हृदयों को हर लिया करते थे। सन् 1951 में आप परम धाम सिधार गये। आपकी समाधि गुरूदेव के पास देवरी पर ही है। प्रत्येक पूर्णमासी को मेला लगता है। हजारों भक्त सारी रात सत्संग करते हैं।