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पं. कृष्णलाल शास्त्री

Krishan Lal Shastri


पहाड़ी धीरज दिल्ली निवासी पं० कृष्णलाल आयुर्वेद शास्त्री, फारसी के धुरन्धर विद्वान् थे । इन्हें अधिकांश कुरान कंठस्थ था। आर्यसमाज की ओर से प्रायः शास्त्रार्थ करते थे । उसमें बड़े बड़े मौलवियों को शास्त्रार्थ में मुँह की खानी पड़ी। अखिलानन्द जैसे कट्टर विरोधियों को इन्होंने शास्त्रार्थ में पराजित किया । इसी से ये तर्क वागीश शास्त्रार्थ महारथी कहलाते थे । समाज सेवा के क्षेत्र में भी आगे रहते थे । इन्होंने विश्वकर्मा मन्दिर दिल्ली की कार्यकारिणी में अनेक वर्षों तक पहाड़ी धीरज क्षेत्र का तथा महासभा में दिल्ली क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। इनकी भाषण शक्ति बहुत प्रसिद्ध थी । इन्होंने मई १९३० से जनवरी १९३१ तक तथा जून १९३१ के जांगिड समाचार पत्र का सम्पादन किया। उदयपुर अधिवेशन (अक्तूबर १९४९) की अध्यक्षता की और नवम्बर १९५१ तक महासभा के प्रधान रहे।