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पं. जमनादास

Jamna Das


इनका जन्म भाडावास त० रेवाड़ी (हरियाणा) में हुआ । जमनादास, देवकरण एवम् रेवतीनन्दन तीनों भाई दिल्ली के प्रसिद्ध टिम्बर व्यवसायी एवम् वन विभाग के ठेकेदार थे । समाज कार्यों में विशेष रुचि लेते थे । दिल्ली पाठशाला की स्थापना में प्रमुख थे । पं० जमनादास जी अनेकों वर्षों तक पाठशाला के प्रधान रहे । दिल्ली में महासभा की स्थापना (१९१४) से दिसम्बर १९१८ तक उसके प्रधान रहे|
८ नवम्बर १९१३ के दिल्ली अधिवेशन की भी अध्यक्षता की तथा ३११ रुपये का प्रथम दान दिया। सदैव जातीय कार्यों में सहायता देने वालों में अग्रणी रहे। पत्र के स्थिर कोष, विश्वकर्मा मन्दिर दिल्ली को पर्याप्त सहायता दी । बांकनेर पाठशाला में भी कमरा बनवाया । पं० पालाराम की पुस्तक जांगिडोत्पत्ति में भी आर्थिक सहायता दी । मार्च सन् २४ में स्वर्गवास हुआ । तीनों भाइयों ने तीस हजार रुपये की लागत से १६१७ में भाडावास में एक धर्मशाला बनवाई। इसी प्रकार बहादुरगढ़ में विशाल धर्मशाला बनवाई और मैलानी धर्मशाला बनाने में सहयोग दिया। जमनादास जी के पुत्र भगवानचन्द्र भी कई वर्ष महासभा के कोषाध्यक्ष रहे। आज इस वंश में कोई नहीं है ।