पं. जयनारायण शर्मा
परतापुर के प्रसिद्ध शिक्षाप्रेमी स्व. पं० श्योसहाय के ज्येष्ठ पुत्र हैं । सर्वप्रथम शिक्षार्थ विदेश जाने वाले ग्रुप में १९१९ में इंग्लैण्ड गये । इन्जी० की बी. एस. सी. उत्तीर्ण की एवं जर्मनी में प्रशिक्षण प्राप्त कर १९२३ में भारत आये । रेलवे टेक्नीकल कॉलेज में प्रोफेसर नियुक्त हुये तथा I.T.I. के प्रिन्सिपल रहकर रिटायर्ड हुये । इनमें प्रारम्भ से ही समाज उत्थान की तीव्र लगन थी। १९३४ में मॉडर्न जांगिड ब्राह्मण लीग की स्थापना कर उसके मन्त्री बने । अलवर अधिवेशन के पश्चात् अक्टूबर १९४२ में महासभा के कार्यकारी प्रधान नियुक्त हुये । उस समय इन्होंने बहुचर्चित जांगिड उन्नति ट्रस्ट योजना का सूत्रपात किया। एक वर्ष बाद फतेहपुर अधिवेशन की अध्यक्षता की तथा सितम्बर १९४४ तक महासभा के प्रधान रहे। ये संस्था बनाने मे सिद्धहस्त रहे । १९६६ में इनकी प्रधानता में जांगिड ब्राह्मण सभा का गठन हुआ। फिर १९६७ में जयपुर शाखा के उपप्रधान, १९६८ में प्रधान, १९६९ में जयपुर महासमिति की बैठक के स्वागताध्यक्ष, १९७० में नवगठित जांगिड ब्राह्मण समाज जयपुर के कार्यकारी अध्यक्ष तथा १९७२ में विश्वकर्मा समाज के अध्यक्ष आदि विभिन्न संस्थाओं में रहकर सतत समाज सेवा की ।