पं. हीरालाल शर्मा (हीरू भाई)
25 जुलाई 1940 को महाराष्ट्र एवं गुजरात की सीमा पर पश्चिमी मध्यप्रदेश के बड़वानी नगर में पिता स्व. श्री किशोरी लाल जी के घर जन्मे तथा पं. बालाराम बाबा के लाड़ प्यार में पले बढ़े श्री हीरालाल जी शर्मा जिन्हें स्नेह वश सभी हीरू भाई कहते है ने मैट्रिक तक शिक्षा प्राप्त की किन्तु कहावत है कि शिक्षा योग्यता का पैमाना नहीं होती को आपने चरितार्थ किया मात्र मैट्रिक तक शिक्षा प्राप्त करने के बावजूद आपने अपने P.W.D. कान्ट्रेक्टर ए श्रेणी के व्यवसायिक जीवन में सफलता की असीम ऊँचाईयों को छुआ तथा कान्ट्रेक्टर एसोसिएशन का गठन कर उस समय के बड़वानी के जिले खरगोन में कान्ट्रेक्टर एसोसिएशन भवन का निर्माण किया जो आज सीना ताने आपकी व्यवसायिक ख्याति को बँया कर रहा है।
2 छोटे भाई तथा एक स्वर्गवासी छोटे भाई के परिवार की शाखाओं को वटवृक्ष की तरह अपने में समेटे हुए 25 सदस्यों के संयुक्त परिवार की जिम्मेदारी का निर्वाह करते हुए आप टूर टूर तक की रिश्तेदारी निजी सहयोगियों एवं अधीनस्थों के बीच में मसीहा की तरह विख्याता है आपकी छाया में हर कोई अपने आपको बेफिक्र तथा सुरक्षित महसूस करता है।
आप 1983 में व्यवसायिक जिम्मेदारियां अपने अनुज एवं पुत्रों को सौप समाज सेवा की और तत्कालीन एस.डी.एम. श्री हर्षमन्दर साहब की प्रेरणा से प्रवृत हो आशाग्राम नामक ट्रस्ट की स्थापना की। इस ट्रस्ट के माध्यम से आप निरन्तर कुष्ठ रोगियों विकलांगों, निराश्रित वृद्धों, मानसिक रोगियों तथा आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों तथा समाज के अंतिम व्यक्तियों की सेवा में तन मन से जुटे रहे।
आशाग्राम ट्रस्ट के अतिरिक्त आप बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर राष्ट्रीय सामाजिक विकास संस्थान महू (इन्दौर) का राज्यपाल मध्यप्रदेश द्वारा आपको सदस्य मनोनित किया गया । मानव अधिकार आयोग म. प्र. द्वारा आपको बडवानी जिले का मानव मित्र नियुक्त किया गया। आप सेंधवा (म.प्र.) में कुष्ठ रोग निवारणार्थ संचालित संस्था हर्ष नगर के आजीवन ट्रस्टी रहे। खरगोन (म.प्र.) में स्थापित आस्थाग्राम ट्रस्ट के आप प्रमुख परामर्शदाता रहे। भारतीय रेडक्रास सोसाइटी जिला खरगोन के उपाध्यक्ष रहे तथा बड़वानी जिले की भारतीय रेडक्रास सोसाइटी के उपाध्यक्ष बनाये गये। आपने रोटरी क्लब के अध्यक्ष पद को 2 बार सुशोभित किया। आपके निर्देशन संयोजन मे पशु कल्याण समिति जिला बड़वानी गठित की गई। कान्ता विकलांग ट्रस्ट निवाली (म.प्र.) के आप प्रमुख परामर्श दाता रहे। जिला अंधत्व निवारण समिति एवं मलेरिया उन्मूलन समिति तथा जिला साक्षरता समिति के साथ आपको रोगी कल्याण समिति में जिला प्रशासन द्वारा विशेष रूप से सदस्य नियुक्त किया गया। इनके अतिरिक्त आप अनेकों सांस्कृतिक, सामाजिक एवं आर्थिक संस्थाओं में अपना सक्रिय सहयोग एवं सेवा से समाज को लाभान्वित किया।
जुलाई 1983 को बडवानी नगर से लगभग 2 किलो मीटर की दूरी पर कुष्ट रोगियों के जीवन में आशा के संचार हेतू पृथक से स्थापित आशा ग्राम ट्रस्ट एक पब्लिक रजिस्टर्ड ट्रस्ट है, जिसका कार्यक्षेत्र सम्पूर्ण मध्यप्रदेश है। ट्रस्ट को केन्द्रीय कल्याण मंत्रालय म.प्र. एवं समाज कल्याण विभाग व दान दाताओं द्वारा आर्थिक सहयोग प्राप्त होता है। संस्था को आयकर की धारा 80जी एवं भारत शासन आयकर विभाग की 35 ए.सी. के साथ विदेशी सहायता प्राप्त करने की सुविधा प्राप्त है। हीरू भाई के द्वारा रोपित पौषित पल्लवीत एवं संचालित ट्रस्ट के कार्य एवं उसका क्षेत्र इतना विशाल है कि उन्हें शब्दों में समेट पाना संभव नहीं है। ट्रस्ट द्वारा कुष्ठ रोगियों मानसिक रोगियों, मंदबुद्धियों, विकलांगों, अन्य चिकित्सा शिक्षा, रोजगार, वृद्धाश्रम एवं सामाजिक क्षेत्र में बहुत ही उत्कृष्ठ कार्य किया जा रहा है। जिसका संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है :-
कुष्ठ रोग :- आशा ग्राम ट्रस्ट की स्थापना के पूर्व कुष्ठ रोगी जहाँ तहाँ देने वाला श्री भगवान के जुमले सुनाते हुए आमजन की हिकारत भरी नजरों के शिकार मिल जाते थे। किन्तु अब ढूंढ़ने पर भी नहीं मिलते, कारण आशा ग्राम ट्रस्ट का प्रमुख लक्ष्य कुष्ठ रोगियों की खोज उनका उपचार एवं उनका समग्र पुनर्वास के साथ साथ उन्हें रोजगार सुलभ करवाना है। 960 कुष्ठ रोगियों के उपचार तथा 150 कुष्ठ रोगी परिवारों का आशाग्राम में अंतवासी के रूप में पुनर्वास एवं सफल व्यवस्थापन के बाद ट्रस्ट वर्ष 1990 में विकलांगता के क्षेत्र में कार्य हेतु अग्रसर हुआ ।
विकलांगता :- विकलांग व्यक्तियों को समय समय पर शिविरों एवं आशा ग्राम चिकित्सालय के माध्यम से कृत्रिम अंग सहायता उपकरण एवं शल्य चिकित्सा विशेषज्ञों द्वारा निशुल्क उपलब्ध कराई जाती है। ट्रस्ट द्वारा वर्ष 2000 से वृहद् समुदाय आधारित पुर्नवास योजना का संचालन किया जा रहा है। जिसके तहत बड़वानी विकास खण्ड के 65 ग्रामों के सभी विकलांगों का समग्र उपचार शिक्षा, रोजगार एवं उनके पुनर्वास हेतु कार्य किया जा रहा है। वर्ष 2005 से बड़वानी जिले के ठीकरी ब्लॉक में क्षमता वर्द्धन हेतु विकलांगों के लिए सवेरा परियोजना शुरू की गई है जिसके अर्न्तगत विकलांगों की क्षमता वृद्धि हेतु अनेक गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है। भारत शासन द्वारा विकलांगों के सम्पूर्ण विकास हेतु वर्ष 2002 से जिला संसाधन केन्द्र का संचालन ट्रस्ट के माध्यम से जिले में निवासरत 15,475 विकलांग व्यक्तियों के समग्र विकास हेतु कार्य किया जा रहा है ।
मनोरोगी - कुष्ठ रोगी एवं विकलांगता के क्षेत्र में सफल कार्य करने के साथ ट्रस्ट ने मानसिक रोगियों की सेवा में अपना कदम आगे बढ़ाया। ट्रस्ट द्वारा विकास खण्ड आदिवासी बहुल ब्लॉक पाटी के 106 ग्रामों में सामुदायिक, मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम वर्ष 2000 से संचालित किया जा रहा है। वर्ष 2002 से जिले के मानसिक रोगियों को चिकित्सा एवं मार्ग दर्शन देने हेतु परामर्श केन्द्र प्रारंभ किया गया जहाँ पर आमंत्रित मनोरोग विशेषज्ञों के माध्यम से रोगियों की समुचित सेवा की जा रही है।
मंद बुद्धि :- ट्रस्ट द्वारा बडवानी नगर में मंद बुद्धि, मूक बधिर एवं दृष्टि हीन बच्चों के प्रशिक्षण हेतु प्रशिक्षण केन्द्र की स्थापना की गई। जहाँ मंद बुद्धि विशेषज्ञों द्वारा पीड़ित बालकों को घरेलू वातावरण में रचनात्मक प्रशिक्षण दिया जाता है।
अन्य चिकित्सा :- ट्रस्ट द्वारा कुष्ठ रोगियों विकलांगों, मानसिक रोगियों, मंद बुद्धियों निराश्रित वृद्धों के सम्पूर्ण उपचार के साथ साथ अन्य साधारण असाधारण रोग से पीड़ित सामान्य जनों के उपचार हेतु 1990 में 70 बिस्तरों के चिकित्सालय की स्थापना की गई, चिकित्सालय ऑपरेशन थियेटरों, एम्बुलेंस, ई.सी.जी., ई.ई.जी., पैथालॉजी लैब, फिजीयो थैरेपी सेंटर तथा मेडिकल स्टोर्स की सुविधा से युक्त है। जहाँ आर्थोपेडिक सर्जरी मेडिसिन मेंटल एवं स्त्रीरोग विशेषज्ञों अनुभवी सहयोगियों द्वारा 24 घंटे अपनी सेवाएँ प्रदान की जाती है। तथा समय समय पर आमंत्रित विशेषज्ञों के माध्यम से भी समुचित उपचार एवं परामर्श दिया जाता है। म.प्र. वालन्द्री हेल्थ ऐसोसिएशन इन्दौर के सहयोग से वर्ष 1999 से शिशु प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य परियोजना पर कार्य किया जा रहा है।
वृद्धाश्रम :- ट्रस्ट द्वारा 1992 में नर्मदा नदी के पावन तट पर बॉम्बे आगरा राजमार्ग के किनारे सुरम्य शान्त वातावरण में आशा निराश्रित वृद्धाश्रम की स्थापना खलबुजूर्ग ग्राम तहसील कसरावद जिला खरगोन में की गई। आश्रम में 80 महिला पुरूष वृद्धाजनों के लिए पर्याप्त भोजन, आवास, प्राथमिक चिकित्सा मनोरंजन मंदिर आदि की सुविधा साथ उन्हें हर संभव अपनत्व का वातावरण देने का प्रयास किया जाता है।
शिक्षा :- आपने रोटरी क्लब अध्यक्ष पद पर रहते हुए बडवानी नगर को रोटरी शिशु मंदिर के नाम से उत्कृष्ठ शिक्षा संस्थान की सौगात दी जहाँ वर्तमान में हाई स्कूल तक की शिक्षा हेतु 560 विद्यार्थी अध्ययनरत है। जिसका अपना विशाल निजी भवन है। इस शिक्षा संस्थान की बात हो या अन्य कोई रोटरी क्लब की सेवा भूमिका में आपका सदैव अहम् योगदान होता है। रोटरी शिशु मंदिर के विस्तार की संभावनाओं को मद्देनजर रखते हुए आपके प्रयासों से एकड़ भूमि क्रय कर नवीन भवन हेतु प्रयास जारी है।
आशा ग्राम ट्रस्ट के बैनर तले वर्ष 2001 में आशा बाल मंदिर प्राथमिक विद्यालय की स्थापना की गई जहाँ आशा ग्राम के अंतःवासी कुष्ठ रोगी एवं हर्ष नगर सेंधवा के कुष्ठ रोगियों के 140 विद्यार्थी अध्ययनरत है। यह विद्यालय आवासीय होकर यहाँ आवास, भोजन, वस्त्र एवं शिक्षण सामग्री निःशुल्क उपलब्ध कराई जाती है। ट्रस्ट द्वारा फंड की स्थापना के माध्यम से उच्च शिक्षा में अध्ययनरत निर्धन छात्रों को स्कूल फीस एवं शिक्षण सामग्री उपलब्ध करवाई जाकर अनेक निर्धन परिवारों के बच्चों को उच्च पद पर आसीन करवाया जा चुका है। वर्ष 2006 में आशा इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल साईसेंस म.प्र. शासन से मान्यता प्राप्त शुरू किया गया। जिसमें एक वर्षीय आयुर्वेद कंपाउंडर लेब टेक्नी., एक्सरे टेक्नी. तथा जन स्वास्थ्य रक्षक के पाठ्यक्रम शुरू किये गये है । बडवानी नगर में 60 वर्षों से संचालित ज्योर्तिमंदिर नामक सार्वजनिक वाचनालय के आप अध्यक्ष होकर आपके द्वारा इस मंदिर का सफल संचालन किया जा रहा है।
रोजगार :- अंतवासी कुष्ठ रोगी परिवारों विकलांगों एवं निर्धन परिवारों के लिए आशाग्राम ट्रस्ट के माध्यम से आपने विभिन्न रोजगारों का सृजन किया है। जिसमें 1999 में आशा हस्त निर्मित कागज कारखाना जिसमें वेस्ट कॉटन से हस्त निर्मित कागज का निर्माण किया जाता है। 1999 मे आशा निर्माण केन्द्र द्वारा काँस्ट भवन सामग्री, कांक्रीट ब्लॉक, एम.सी.आर. टाईल्स, एफसी चैनल, तथा मिट्टि से निर्मित मड़ ब्लॉक का निर्माण किया जाता है। आशा बुनकर सहकारी समिति के माध्यम से सुत रंगाई एवं दरी चादर टॉवेल, आसन, सोफा कँवर पायदान आदि की बुनाई का कार्य वेस्ट कॉटन के माध्यम से सुंदर कलात्मक ढंग से किया जाता है।
कृत्रिम अंग एवं उपकरण इकाई के माध्यम से कृत्रिम अंग एवं सहायक उपकरण कॅलिपर्स नकली पैर हाथ करेक्टिव / सर्जिकल शूज, ट्राईसिकल्स बैसाखिया, व्हील चेयर्स आदि निर्माण किये जाते हैं जो अपनी गुणवत्ता के लिए देश भर में प्रसिद्ध है। इस इकाई द्वारा केलीपर्स बैंक का भी संचालन किया जा रहा है। जहाँ क्षतिग्रस्त अंग उपकरण अथवा पुराने हो चुके छोटे अंग उपकरणों को बदला जा सकता है। आशा ग्राम ट्रस्ट की अपनी भूमि पर कृषि बागवानी के माध्यम से भी समूचित रोजगार उपलब्ध करवाया जा रहा है।
जांगिड ब्राह्मण समाज :- हमने प्रायः देखा हैं कि अनेक संत महात्मा उद्योगपति एवं समाज सेवी महानुभावों के कार्यक्षेत्र विस्तृत होने पर अपने परिवार जिसे आम बोल चाल में जाति समाज के नाम से जाना जाता है पीछे छूट जाता है किन्तु हीरू भाई के साथ ऐसा नहीं है। आशा ग्राम ट्रस्ट एवं अनेक संस्थाओं में अपनी सेवाएं देते हुए उनकी दृष्टि अपने समाज जांगिड ब्राह्मण के विकास पर भी सतत बनी रही।
बड़वानी नगर शाखा सभा के गठन से आपके जिलाध्यक्ष पद पर मनोनित होने तक आप सर्वसम्मति से शाखा सभा बड़वानी के प्रधान पद पर रहें। तत्पश्चात आपने जिला शाखा बडवानी के प्रधान पद पर अपनी सेवाएँ दी। आपके कार्यकाल में राष्ट्रीय स्तर पर वर्ष 2003 में अंगिरा जयंति महोत्सव एवं युवक युवती परिचय सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें 6 जिलों की निर्देशिका का प्रकाशन विमोचन करते हुए अंगिरा सहकारी साख संस्था तथा जांगिड नारी शक्ति मंच की स्थापना की गई।
सितम्बर 2005 में आपने श्री शंकरलाल जी रायपुर द्वारा रोपित अखिल भारतीय जांगिड ब्राह्मण महासभा दिल्ली की प्रधान की अहम् जिम्मेवारी स्वीकार करते हुए मात्र एक वर्ष की अल्प अवधि में 4 विशेष संपोषक 2 संपोषक करीब 100 संरक्षक तथा 800 साधारण सदस्यों को जोड़ कर 20 जिला शाखा सभाओं एवं 10 शाखा सभाओं को गठन करते हुए 4 समारोह वृहद स्तर पर आयोजित कर समाज के प्रति अपनी निष्ठा एवं सर्मपण का परिचय दिया है। प्रदेश सभा द्वारा किये गये कार्यों में आपका कार्यकाल सर्वश्रेष्ठ रूप से आँका गया है। आपके सद् प्रयासों से बड़वानी जिले में मृत्युभोज बंद किया जाकर पगडी रस्म पर मात्र 1 रूपया दिया लिया जाता है तथा आपकी पहल पर म.प्र. में स्वागत सम्मान हेतु मात्र पुष्प मालाओं का उपयोग स्वैच्छिक रूप से बंद किया गया है।
सांस्कृतिक, सामाजिक एवं धार्मिक:- आशा ग्राम ट्रस्ट का अपना विशाल शिव मंदिर, भौमा बाबा मंदिर यज्ञ शाला संत निवास अतिथि विश्राम गृह तथा विशाल सभागार है। जिसमें वर्ष भर धार्मिक, सांस्कृतिक कार्यक्रम चलते रहते है। समय समय पर समाज में व्याप्त कुरितियों, व्यसनों मुक्ति तथा कुष्ठ रोगियों विकलांगों के सेवार्थ नुक्कड़ नाटकों का प्रशिक्षण आयोजन आशा ग्राम द्वारा संचालित योजनाओं का प्रशिक्षण आयोजन तथा रोजगारोन्मुख प्रशिक्षण आयोजन होते रहते हैं। शासन द्वारा जन कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु आशा ग्राम का परामर्श एवं क्रियान्वयन हेतु वृहद सहयोग लिया एवं दिया जाता है।
पशु कल्याण :- जीव मात्र के प्रति दयाभाव रखते हुए हीरू भाई सिर्फ मानव कल्याण तक सीमित न रह सके, 4-5 वर्षों से सूखे की मार झेल रहे बडवानी जिले में सर्वाधिक पीडित पशु धन था । पशुओं को खिलाने को तो ठीक पिलाने को पानी तक की व्यवस्था अधिकांश लोगों के पास नही थी। क्योंकि बडवानी जिला आदिवासी बाहुल्य निर्धन पिछडा हुआ जिला है। अपने प्यारे पशु धन को भूखा प्यासा तड़फता मरता देख मजबूर कृषक 100 -50 रूपये की अल्प कीमत पर बुचड़खाने के सौदागरों को बेचने पर मजबूर थे। ऐसे हालातों में हीरू भाई का मन दृवित हुआ और आपने वर्ष 2000 में पशु कल्याण समिति का गठन कर सफल संचालन कर दूरस्थ आदिवासी क्षेत्रों में शिविर लगाकर पशुओं के लिए चारे पानी की व्यवस्था की, जिसके माध्यम से करीब 5 करोड़ के पशुधन को बचाया जा सका।
सम्मान :- आशाग्राम ट्रस्ट को मानव कल्याण के लिए संचालित गतिविधियों के लिए राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया तथा अनेकों बार सम्मानित करते हुए प्रशस्ति पत्रों एवं नगद धन राशि से पुरस्कृत किया गया। संयुक्त राष्ट्र की 50वीं वर्षगांठ पर फ्रेन्डस ऑफ युनाईटेड नेशन्स अवार्ड द्वारा सम्मानित किया गया आपको रोटरी फाउन्डेशन का सर्वोच्च मानक सम्मान पाल हेरीस फेलो दिया गया। वर्ष 1996 में विरसामुण्डा आदिवासी राज्य सेवा पुरस्कार के प्रथम पुरस्कार से म.प्र. शासन द्वारा आपको सम्मानित किया गया। 3 दिसम्बर 2000 को राष्ट्रीय विकलांग सेवा राष्ट्रीय पुरस्कार से आपको भारत शासन के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय दिल्ली द्वारा आपको सम्मानित किया गया। रेडक्रास के सफलतम कार्यों के लिए रेडक्रास सोसाइटी म.प्र. द्वारा आपको कई बार सम्मानित किया गया। गुरूदत्त परमार्थिक ट्रस्ट इन्दौर द्वारा सम्मानित एवं जांगिड ब्राह्मण समाज गांधीधाम द्वारा आपको जांगिड गौरव पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।
सम्मानों की कड़ी में आशाग्राम ट्रस्ट को सर्वोत्कृष्ट सामाजिक सेवा हेतु नेशनल अवार्ड 2006 महामहिम राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के हाथों से आशाग्राम ट्रस्ट की ओर से आपने 3 दिसम्बर 2006 को दिल्ली में ग्रहण किया।