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युवा पीढ़ी का गिरता सामाजिक स्तर

आज की युवा पीढ़ी में वे संस्कार नहीं रहे जो पहले थे। पहले युवा पीढ़ी का सामाजिक स्तर आज से बेहतर था। आज युवा पीढ़ी के नव युवक एवं युवतियों का सामाजिक स्तर वह नहीं रहा जो पहले था। पहले युवा वर्ग माता-पिता, गुरुजनों, बड़ों का जितना सम्मान करता था वैसा आज का युवा वर्ग नहीं कर रहा है। समाज के विकास का स्त्रोत युवा वर्ग है। युवा ही राष्ट्र की आन-बान-शान का रखवाला है। युवा वर्ग ही राष्ट्र में क्रांति ला सकता है। इसलिए युवा वर्ग का सचेत रहना जरूरी है। आज का युवा दिग्भ्रमित हो रहा है। आज के युवा वर्ग में कुछ ऐसे लक्षण दिखाई देते हैं, जिससे जाहिर होता है कि युवा वर्ग संस्कार विहिन होता जा रहा है।
आज के युवा वर्ग में आचार-विचार, शालीनता और शिष्ठता का अभाव है। युवा वर्ग यदि पढ़-लिख भी जाता है और सामाजिक स्तर अच्छा नहीं, व्यवहार अच्छा नहीं तो पढ़ना बेकार प्रतीत होता है। आज से पहले युवा वर्ग वीर पुरुषों का सम्मान करता था अपने जीवन में उसके आदर्शों को अपनाने की कोशिश करता था मगर आज नहीं कर रहा है। आज के युवा में अहम की भावना भरी है, क्रोध, आवेश सदा भरा रहता है। सहनशीलता का अभाव है। माता- पिता का कहना नहीं मानते हैं फिल्मी अभिनेताओं के आदर्शों को अपनाना चाहते हैं, मगर फिल्मों में जो बुरे दृश्य दिखाये जाते हैं, उनकी ओर शीघ्र बढ़ रहे हैं।
आज का युवा नशे का आदि होता जा रहा है। पहले युवक शराब, बीड़ी-सिगरेट, खैनी जर्दा का इस्तेमाल नहीं के बराबर करते थे। आज के समय हर युवक की जेब में खैनी-गुटखा, बीड़ी-सिगरेट आदि मिल जाते हैं, जो पहले नहीं होते थे। युवा चोरी छिपे नशीली दवाओं का सेवन कर रहे हैं, जो शोभायमान नहीं है।
आज का युवा कुसंगति को अपना रहा है, जो सोच का विषय है। गंदे गाने, गन्दे चलचित्र देखना पसन्द कर रहा है। चाहे जैसी वेशभूषा पहन रहा है। आज का युवा श्रम से जी चुराता है। मेहनती कार्य नहीं करना चाहता है।
आज के युवा का सामाजिक स्तर सुधारने के लिए माता-पिता को पहल करनी है। हर कदम पर अपने बालकों पर नज़र रखें, मोबाइल अकेले में न चलाने दें, मोबाइल का प्रयोग सीमित मात्रा में करावें तथा अपनी देखरेख में करवायें। घर से बाहर ज्यादा समय न रहने दें। घर पर देर रात लौटता है तो उससे देर से आने का कारण मालूम करना चाहिए। यदि जवाब संतोष जनक नहीं मिले तो माता-पिता को सचेत होकर उसकी निगरानी रखनी चाहिए, जिससे हमारे युवा वर्ग का गिरते स्तर को बचाया जा सके और युवा वर्ग अपना विकास कर सके।


-- रोहिताश्व जांगिड (से.नि. वरि. अध्यापक), कोटपूतली